हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहारुल अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال عیسی علیہ السلام:
وَيلٌ لِصاحِبِ الدُّنيا كَيفَ يَموتُ ويَترُكُها و يَأمَنُها و تَغُرُّهُ و يَثِقُ بِها وتَخذُلُهُ. وَيلٌ لِلمُغتَرّينَ كَيفَ رَهَقَهُم ما يَكرَهونَ و فارَقَهم ما يُحِبّونَ و جاءَهُم ما يوعَدونَ
हज़रत ईसा (अ.स.) ने फ़रमाया:
कितना बेचारा है वह व्यक्ति जो मरता है तो इस दुनिया को छोड़ना पड़ता है, वह इस दुनिया पर भरोसा करता है जो उसे धोखा देती है, वह उस पर भरोसा करता है और वह उसे अपमानित कर देती है। (समय आने पर उसकी मदद नही करती)।
बेचारे धोखा खाने वाले जिस चीज को यह अच्छा नही समझते वह उन्हे मिल जाती है और जिसे वह पसंद करते है वह उनसे दूर हो जाती है और जिस चीज का उन्हे वादा किया गया है वह उन्हे खोज लेती है।
बिहारुल अनवार, खंड 14, पृष्ठ 328, हदीस 54